बीसीसीआई इस बार आईपीएल में जीपीएस की मदद से खिलाड़ियों की फिटनेस पर नजर रखने वाली है। सभी खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के दौरान इस डिवाइस को पहनना भी होगा। यह डिवाइस खिलाड़ियों के फिटनेस से जुड़ी पांच सौ से अधिक जानकारियां बीसीसीआई को उपलब्ध कराएगा।
इससे खिलाड़ियों का एनर्जी लेवल, स्पीड, हार्टबीट और ब्लड प्रेशर आदि को ट्रैक कर सकते हैं। यह डिवाइस उस लिमिट को भी बताएगा जब वर्क लोड ज्यादा होने की वजह से खिलाड़ी चोटिल हो सकते हैं। 2018 में इस डिवाइस को लेकर हरी झंडी मिली थी लेकिन इस बार यानी आईपीएल के 16वें संस्करण में इसका इस्तेमाल पहली बार किया जाएगा।
हाल ही में संपन्न हुए वूमेंस प्रीमियर लीग में इसका इस्तेमाल सफलतापूर्वक किया जा चुका है। आईपीएल में भारतीय खिलाड़ियों के फिटनेस को देखते हुए वर्क लोड मैनेज करने का फैसला 3 महीने पहले बीसीसीआई की सालाना मीटिंग में लिया गया था।
आईपीएल के खत्म होने के महज 10 दिन बाद ही भारतीय टीम को इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला भी खेलना है। इसके अलावा अक्टूबर और नवंबर के महीने में एकदिवसीय वर्ल्ड कप भी भारत में ही आयोजित होना है।
ऐसे में तय किया गया था कि सीनियर और महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को चोट से बचाने के लिए फ्रेंचाइजी के साथ मिलकर वर्कलोड मैनेजमेंट पर काम किया जाएगा। आईपीएल में जीपीएस डिवाइस के इस्तेमाल करने की सबसे महत्वपूर्ण बजे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे वर्ल्ड कप से पहले अपने खास खिलाड़ियों खासकर तेज गेंदबाज को चोटिल होने से बचाने के लिए किया जा रहा है।